NEET Cut Off for MBBS Government College: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी नीट का आयोजन इस वर्ष 4 मई 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस परीक्षा के माध्यम से देश भर के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश मिलता है। परीक्षा समाप्ति के बाद 3 जून 2025 को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आधिकारिक उत्तर कुंजी जारी की गई है।
उत्तर कुंजी जारी होने के बाद अभ्यर्थी अपने उत्तरों का मिलान करके अनुमानित अंक निकाल सकते हैं। यह सुविधा विद्यार्थियों को अपने प्रदर्शन का प्रारंभिक आकलन करने में सहायक होती है। अब सभी परीक्षार्थी कट ऑफ अंकों की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं जो उनके भविष्य की दिशा निर्धारित करेगी।
इस वर्ष की परीक्षा में उपस्थिति का विश्लेषण
इस बार नीट परीक्षा में लगभग तेईस लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया है जो पिछले वर्ष की तुलना में एक लाख कम है। पिछले साल यह संख्या चौबीस लाख तक पहुंची थी। परीक्षार्थियों की संख्या में यह कमी कई कारणों से हो सकती है जिसमें अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का विकल्प या शैक्षणिक नीतियों में बदलाव शामिल है।
उपस्थिति में यह कमी कट ऑफ अंकों को प्रभावित कर सकती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि कम प्रतिस्पर्धा के कारण इस वर्ष कट ऑफ अंक पिछले वर्ष की तुलना में थोड़े कम हो सकते हैं। यह स्थिति अभ्यर्थियों के लिए अनुकूल है क्योंकि उन्हें अपेक्षाकृत कम अंकों में सफलता मिल सकती है।
कट ऑफ निर्धारण के महत्वपूर्ण कारक
नीट परीक्षा की कट ऑफ का निर्धारण कई महत्वपूर्ण घटकों पर आधारित होता है। इनमें सबसे प्रमुख है परीक्षा में उपस्थित अभ्यर्थियों की संख्या और उनका समग्र प्रदर्शन। परीक्षा के कठिनाई स्तर का भी कट ऑफ पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि प्रश्नपत्र कठिन है तो कट ऑफ कम हो जाती है और आसान होने पर बढ़ जाती है।
उपलब्ध सीटों की संख्या भी कट ऑफ निर्धारण में अहम भूमिका निभाती है। सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में सीटों की कुल संख्या और आरक्षण नीति के अनुसार विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग कट ऑफ तय होती है। पिछले वर्षों के कट ऑफ ट्रेंड का भी इस वर्ष की कट ऑफ पर प्रभाव पड़ता है।
श्रेणीवार अपेक्षित कट ऑफ अंक
विभिन्न श्रेणियों के लिए अपेक्षित कट ऑफ अंक अलग-अलग होते हैं। सामान्य और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए कट ऑफ सबसे अधिक होती है जो सात सौ बीस से एक सौ पचपन अंक के बीच हो सकती है। अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए यह एक सौ चौवन से एक सौ पच्चीस अंक तक हो सकती है।
अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए भी समान अंक सीमा का अनुमान है। विकलांग श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए कट ऑफ अपेक्षाकृत कम होती है। ये अंक केवल अनुमानित हैं और वास्तविक कट ऑफ परिणाम घोषणा के समय ही स्पष्ट होगी।
कट ऑफ जांचने की प्रक्रिया
कट ऑफ अंकों की जांच के लिए अभ्यर्थियों को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर नीट कट ऑफ का लिंक खोजकर उस पर क्लिक करना होगा। आवश्यक विवरण भरने के बाद कट ऑफ की पीडीएफ फाइल तक पहुंच मिलेगी।
पीडीएफ खोलने के बाद अभ्यर्थी अपनी श्रेणी के अनुसार कट ऑफ देख सकते हैं। आवश्यकता अनुसार इस फाइल को डाउनलोड भी किया जा सकता है। यह जानकारी जून महीने के अंतिम सप्ताह तक उपलब्ध होने की संभावना है।
सफलता के बाद आगे की प्रक्रिया
कट ऑफ पार करने वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए पंजीकरण कराना होगा। इस दौरान मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी और सीट आवंटन किया जाएगा। इस प्रकार योग्य विद्यार्थी अपने चुने गए मेडिकल कॉलेज में प्रवेश ले सकेंगे।
अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। नीट परीक्षा की कट ऑफ और परिणाम की आधिकारिक घोषणा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा की जाएगी। किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम जानकारी अवश्य प्राप्त करें।